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गरमा गरम भटूरे छोले के साथ प्लेट में परोसे गए – ऊपर से प्याज के स्लाइस और हरी चटनी से गार्निश किया गया
Shankar Kumar Pathak

छोले भटूरे – bina maida ke bhature kaise banaen एकदम आसान रेसिपी

बिना मैदे के बने ये भटूरे ना सिर्फ सेहत के लिए अच्छे हैं बल्कि स्वाद में भी कमाल हैं। गेहूं के आटे, सूजी और दही से तैयार ये भटूरे एकदम फूले हुए, क्रिस्पी और स्ट्रीट फूड जैसे लगते हैं। छोले के साथ खाओ, हर बाइट में स्वाद का धमाका होगा!
Prep Time 15 minutes
Cook Time 15 minutes
Total Time 28 minutes
Servings: 4
Course: Breakfast, lunch
Cuisine: Indian

Ingredients
  

📝 बिना मैदे के भटूरे बनाने की सामग्री:
  • 2 कप गेहूँ का आटा
  • 1/4 कप दही
  • 1/3 टीस्पून बेकिंग सोडा
  • 1/3 कप सूजी
  • नमक स्वाद अनुसार
  • 1/2 टेबलस्पून रिफाइंड तेल
  • 2 कप गुनगुना पानी
  • 300 ग्राम रिफाइंड तेल तलने के लिए

Method
 

स्टेप 1: आटा गूंथना
  1. एक बड़े कटोरे में गेहूं का आटा लें।
    बीच में जगह बनाकर उसमें दही, बेकिंग सोडा, सूजी और नमक डालें।
    पहले इन्हें अच्छे से आपस में मिला लें।
    अब थोड़ा-थोड़ा गुनगुना पानी डालते हुए आटा गूंथ लें।
    जब आटा तैयार हो जाए तो उसमें 1/2 टेबलस्पून रिफाइंड तेल मिलाकर 2–3 मिनट अच्छे से मसलें।
    अब इस आटे को ढककर 2 घंटे के लिए रख दें।
    टिप: हमेशा गुनगुना पानी इस्तेमाल करें, इससे आटा मुलायम और फूला-फूला बनता है।
स्टेप 2: लोइयां बनाना और बेलना
  1. 2 घंटे बाद आटे को फिर से मसलें और छोटे-छोटे लोइयां काट लें।
    सूखे आटे में लपेट कर बेलन से थोड़ा लंबा बेलें (जैसे भटूरे होते हैं)।
    सभी भटूरों को इसी तरह बेल लें।
स्टेप 3: तलना
  1. एक कढ़ाई में 300 ग्राम रिफाइंड तेल गर्म करें।
    तेल चेक करने के लिए थोड़ा सा आटा डालें, अगर ऊपर आ जाए तो तेल तैयार है।
    अब एक-एक करके भटूरा डालें और हल्के से दबाएं ताकि वो अच्छे से फूले।
    दोनों तरफ से सुनहरा और कुरकुरा होने तक तलें।
    टिप: शुरुआत में आँच तेज रखें ताकि भटूरा फूले, फिर आँच धीमी कर दें।
स्टेप 4: परोसना
  1. भटूरे को छोले, कटे प्याज़, हरी चटनी और अचार के साथ गर्मागर्म परोसें।
    ऊपर से चाहें तो थोड़ा नींबू भी निचोड़ सकते हैं।
🍽️ Serving Suggestions:
  1. छोले के साथ, प्याज़ और हरी चटनी
    बच्चों के टिफिन में
    त्योहारों और खास मौके पर
Tips:
  1. आटा ज्यादा टाइट न हो, नहीं तो भटूरे फूले नहीं।
    लोइयों को बेलते समय किनारे ज्यादा पतले न करें।
    तेल का तापमान सही रखना बहुत जरूरी है।