जब घर में व्रत का दिन होता है, तो माहौल ही कुछ अलग होता है। माँ रसोई में खड़ी होती हैं, कुछ हल्का, मीठा और दिल से बनने वाला सोचती हैं – ताकि सब पेट से नहीं, दिल से भरें।
8बचपन में जब भी कोई त्योहार आता था या उपवास का दिन होता था, तो सुबह-सुबह रसोई से आती खीर की खुशबू आज भी याद है। माँ कहती थीं – “ये खीर नहीं, आशीर्वाद है।”
आज उसी प्यार को एक रेसिपी में ढालकर मैं आपको बताने वाला हूँ – सबरदाना की खीर कैसे बनाएं, वो भी बिना किसी झंझट के, एकदम घर जैसा टच और देसी अंदाज़ में।

🧂 सबरदाना की खीर के लिए सामग्री
साबूदाना ½ कप
दूध 1 लीटर
चीनी ¼ कप (या स्वाद अनुसार)
सूखे मेवे (काजू, बादाम, पिस्ता) 2–3 टेबलस्पून
इलायची पाउडर ½ टीस्पून
केसर के धागे 4–5 (ऑप्शनल)
देसी घी 1 टीस्पून
👩🍳 विधि – सबरदाना की खीर कैसे बनाएं
Step 1: साबूदाना भिगोना
• साबूदाना को 2–3 बार पानी से अच्छे से धो लें।
• अब इसे 5–6 घंटे के लिए इतना पानी डालकर भिगोएँ कि सिर्फ डूब जाए।
• सही तरह से भीगने पर साबूदाना नरम हो जाएगा और हाथ से दबाने पर टूट जाएगा।

Step 2: दूध उबालना
अब एक भारी तले की कढ़ाही लें और उसमें दूध डालकर 5-6 मीडियम आंच पर उबालें।
बीच-बीच में चलाते रहें ताकि दूध नीचे न लगे और मलाई ऊपर आकर खुशबू दे।
Step 3: साबूदाना पकाना
जब दूध में उबाल आ जाए, उसमें भीगा हुआ साबूदाना डालें।
धीमी आंच पर 10–12 मिनट तक पकाएँ जब तक साबूदाना ट्रांसपेरेंट और नरम न हो जाए।

Step 4: स्वाद जोड़ें
अब इसमें चीनी, इलायची पाउडर और केसर के धागे डालें।
एक छोटे पैन में 1 टीस्पून देसी घी गर्म करें और उसमें काजू-बादाम हल्के भून लें। अब इन्हें खीर में मिलाएँ।
5 मिनट और पकाएँ।

Step 5: सर्व करने का तरीका
अब आपकी खीर तैयार है।
आप चाहें तो इसे गर्म खाएं – वैसे ही जैसे माँ बनाकर तुरंत देती थीं।
या फिर ठंडी करके फ्रिज में रखें – गर्मी के मौसम में एकदम ठंडी मिठास।

✅ सबरदाना की खीर खाने के फायदे
• ऊर्जा से भरपूर: व्रत में बॉडी को एनर्जी देने का बेस्ट सोर्स।
• पचने में आसान: गैस और अपच से राहत देता है।
• बच्चों के लिए परफेक्ट: दूध, मेवे और इलायची मिलकर इसे सुपरफूड बनाते हैं।
• डायजेशन फ्रेंडली: हल्का होता है, इसलिए पेट को आराम देता है।
अगर आप व्रत में कुछ नमकीन और हल्का खाना चाहते हैं, तो हमारी 👉 व्रत वाली खिचड़ी रेसिपी जरूर देखें – झटपट बनने वाली और पचने में आसान।
🔴 कुछ नुकसान – अगर ज़्यादा खा लिया जाए तो
• ज्यादा मात्रा में खाने पर गैस की शिकायत हो सकती है।
• डायबिटीज वालों के लिए चीनी की मात्रा कम रखें।
• बहुत ज्यादा घी या मेवा डालने से कैलोरी बढ़ जाती है।
📝 जरूरी टिप्स – जो हर बार काम आएंगे
1.साबूदाना अगर सही से नहीं भीगा तो खीर में कच्चा लगेगा।
2.दूध को धीमी आंच पर पकाने से उसमें मिठास और गाढ़ापन दोनों आता है।
3.चीनी डालने के बाद खीर गाढ़ी हो जाती है – सॉस जैसा नहीं रखना, थोड़ा बहने लायक।
4.अगर केसर न हो तो जायफल पाउडर की एक चुटकी भी बढ़िया फ्लेवर देती है।
❌ आम गलतियाँ जो लोग अक्सर करते हैं
• साबूदाना बिना भीगाए डालना
• दूध को तेज़ आंच पर पकाना जिससे नीचे जल जाता है
• खीर को ज़्यादा गाढ़ा या पतला बना देना
• सूखे मेवे बिना भूनें डाल देना जिससे स्वाद फीका हो जाता है
🔚 निष्कर्ष – माँ की रसोई से सीधा आपके दिल तक
अगर आप सच में कुछ ऐसा बनाना चाहते हैं जो स्वाद और सेहत दोनों दे – तो ये रेसिपी आपके लिए है।
एक बार बना कर देखिए, यकीन मानिए – घरवाले बार-बार मांगेंगे।
🤔 FAQs – आपके सवालों के सच्चे जवाब
Q1. क्या व्रत में साबूदाना की खीर खा सकते हैं?
Q2. बच्चों को खिला सकते हैं?
Q3. खीर को स्टोर कर सकते हैं?


सबरदाना की खीर कैसे बनाएं – आसान देसी विधि व टिप्स
Method
- साबूदाना को 2–3 बार पानी से अच्छे से धो लें।अब इसे 5–6 घंटे के लिए इतना पानी डालकर भिगोएँ कि सिर्फ डूब जाए।सही तरह से भीगने पर साबूदाना नरम हो जाएगा और हाथ से दबाने पर टूट जाएगा।
- अब एक भारी तले की कढ़ाही लें और उसमें दूध डालकर मीडियम आंच पर उबालें।बीच-बीच में चलाते रहें ताकि दूध नीचे न लगे और मलाई ऊपर आकर खुशबू दे।
- जब दूध में उबाल आ जाए, उसमें भीगा हुआ साबूदाना डालें।धीमी आंच पर 10–12 मिनट तक पकाएँ जब तक साबूदाना ट्रांसपेरेंट और नरम न हो जाए।
- अब इसमें चीनी, इलायची पाउडर और केसर के धागे डालें।एक छोटे पैन में 1 टीस्पून देसी घी गर्म करें और उसमें काजू-बादाम हल्के भून लें। अब इन्हें खीर में मिलाएँ।5 मिनट और पकाएँ।
- अब आपकी खीर तैयार है।आप चाहें तो इसे गर्म खाएं – वैसे ही जैसे माँ बनाकर तुरंत देती थीं।या फिर ठंडी करके फ्रिज में रखें – गर्मी के मौसम में एकदम ठंडी मिठास।
- ऊर्जा से भरपूर: व्रत में बॉडी को एनर्जी देने का बेस्ट सोर्स।पचने में आसान: गैस और अपच से राहत देता है।बच्चों के लिए परफेक्ट: दूध, मेवे और इलायची मिलकर इसे सुपरफूड बनाते हैं।डायजेशन फ्रेंडली: हल्का होता है, इसलिए पेट को आराम देता है।
