माँ के हाथों से बनी साबूदाने की व्रत वाली खिचड़ी

माँ के हाथों से बनी साबूदाने की व्रत वाली खिचड़ी

व्रत वाली खिचड़ी की शुरुआत – माँ के हाथों का स्वाद और आस्था की महक

हमारे भारत में पर्व-त्योहार का एक अलग ही महत्व है। यहाँ लोग सिर्फ परंपरा निभाने के लिए नहीं, बल्कि पूरे दिल से उपवास रखते हैं। चाहे रामनवमी हो, नवरात्रि हो या फिर कोई और पावन पर्व, बच्चे से लेकर बुज़ुर्ग तक, सब उपवास रखते हैं।

अन्न का एक दाना तक नहीं लेते, क्योंकि ये सिर्फ रिवाज़ नहीं, हमारी आस्था है। यही तो वो चीज़ है जो हमारे देश को खास बनाती है – हमारी भावना, हमारी श्रद्धा।

आज मैं आप सबके लिए ऐसी ही एक चीज़ लेकर आया हूँ जो इस आस्था से जुड़ी है – व्रत वाली खिचड़ी। ये खिचड़ी मैं साबूदाने से बनाऊंगा, जिसे हम सब “सबूदाने की खिचड़ी” कहते हैं।

लेकिन आज मैं आपको एक खास अंदाज़ में ये बनाना बताने वाला हूँ – वैसे ही जैसे मेरी माँ बनाती थीं… मिट्टी के चूल्हे पर, गांव की मिट्टी की महक के साथ। आज भी जब वो व्रत वाली खिचड़ी बनाती हैं तो वो खुशबू, वो स्वाद… सीधा बचपन में ले जाता है।

माँ के हाथों से बनी साबूदाने की व्रत वाली खिचड़ी

व्रत वाली साबूदाने की खिचड़ी की सामग्री (Ingredients)

• 100 ग्राम साबूदाना
• 1 बड़ा साइज आलू (छोटे टुकड़ों में कटा हुआ)
• 1 मीडियम टमाटर (अगर चाहें तो)
• 10-15 काजू
• 10-15 पिस्ता
• 50 ग्राम बादाम
• 1/2 टीस्पून जीरा
• 1/2 टीस्पून भुनी हुई काली मिर्च
• 2 हरी मिर्च (कटी हुई)
• 2 बड़े चम्मच देसी घी
• सेंधा नमक स्वाद अनुसार

व्रत वाली साबूदाने की खिचड़ी बनाने की विधि

स्टेप 1: साबूदाना भिगोना

 सबसे पहले साबूदाना को अच्छे से धोकर एक कटोरी में पानी डालकर भिगो दें। 10 से 15 मिनट बाद जब ये फूल जाए, तो छलनी में डालकर सारा पानी निकाल दें। बस ये तैयार है खिचड़ी के लिए।

साबूदाना को अच्छे से धोकर छलनी में डालकर सारा पानी निकाल लेने का इमेज

स्टेप 2: आलू पकाना

अब चूल्हा जलाएं… अगर आपके पास गैस है, तो वही इस्तेमाल करें। लेकिन मैं माँ के स्टाइल में मिट्टी के चूल्हे का ज़िक्र करूंगा।

 एक लोहे की कढ़ाही लें, उसमें 1 चम्मच देसी घी गरम करें। अब कटे हुए आलू डालें और तब तक भूनें जब तक वो हल्के ब्राउन और क्रिस्पी न हो जाएं। फिर इन्हें निकालकर एक तरफ रख लें।

मिट्टी के चूल्हे पर लोहे की कढ़ाही में देसी घी डालकर आलू को हल्का ब्राउन और क्रिस्पी होने तक भूनते हुए

स्टेप 3: ड्राई फ्रूट्स और टमाटर का तड़का

अब उसी कढ़ाही में फिर से थोड़ा घी डालें, उसमें जीरा डालें। जब जीरा चटकने लगे तो उसमें टमाटर, काजू, पिस्ता, बादाम और हरी मिर्च डालें। इन सबको 2-3 मिनट तक भूनें ताकि कच्चापन खत्म हो जाए और खुशबू आने लगे।

स्टेप 4: अब आएगा असली स्वाद – खिचड़ी बनाना

अब भिगोया हुआ साबूदाना डालें, साथ में स्वादानुसार सेंधा नमक, काली मिर्च और पहले से भुने हुए आलू भी मिला दें। अब धीमी आँच पर 3 से 4 मिनट तक पकाएं।

अगर आपको व्रत वाली खिचड़ी थोड़ी गीली पसंद है तो थोड़ा पानी डाल सकते हैं। और हाँ, अगर मिट्टी के चूल्हे पर पका रहे हैं, तो खुशबू दोगुनी हो जाएगी – यकीन मानिए।

भिगोया हुआ साबूदाना, सेंधा नमक, काली मिर्च और भुने हुए आलू को धीमी आंच पर मिलाकर पका रहे हैं – व्रत वाली खिचड़ी की खास विधि

स्टेप 5: परोसने का देसी अंदाज़

अब इसे किसी साफ प्लेट में परोसिए। व्रत के दिन इसमें और कुछ नहीं चाहिए। बस ये सादा, स्वाद से भरपूर खिचड़ी ही काफी है। माँ इसे तुलसी के पास बैठकर खाती थीं, आंखों में एक शांति होती थी… शायद यही तो असली स्वाद होता है – मन की तृप्ति।

स्वाद बढ़ाने के टिप्स

छोटे दाने वाला साबूदाना

• छोटे दाने वाला साबूदाना इस्तेमाल करें – इससे व्रत वाली खिचड़ी और भी ज़्यादा स्वादिष्ट बनती है।

कटे हुए फल

• चाहें तो कटे हुए फल – जैसे केला या अनार ऊपर से डाल सकते हैं।

हल्का मीठा स्वाद

• अगर हल्का मीठा स्वाद पसंद हो तो थोड़ा शहद मिला सकते हैं (लेकिन ये सबकी पसंद पर निर्भर है)।

व्रत वाली खिचड़ी बनाते समय ध्यान रखने योग्य गलतियाँ

सफेद नमक का प्रयोग

• सफेद नमक का प्रयोग न करें, व्रत में हमेशा सेंधा नमक ही इस्तेमाल करें।

तेल या बटर का इस्तेमाल ना करें

• घी की जगह तेल या बटर का इस्तेमाल ना करें – ये व्रत की भावना को बिगाड़ सकता है।

व्रत वाली साबूदाने की खिचड़ी के फायदे

1. साबूदाना पेट को ठंडक देता है और व्रत में एनर्जी बनाए रखता है।
2. इसमें मौजूद ड्राई फ्रूट्स शरीर को ताकत देते हैं।
3. आलू और घी इसे स्वाद में भरपूर और पचने में आसान बनाते हैं।

👉 अगर आप व्रत के बाद कुछ ठंडा और स्वादिष्ट पीना चाहते हैं, तो हमारी आम की लस्सी बनाने की रेसिपी ज़रूर देखें।

निष्कर्ष

ये व्रत वाली खिचड़ी सिर्फ एक रेसिपी नहीं है, ये हमारी परंपरा, हमारी माँ की रसोई की खुशबू, और हमारे गाँव की मिट्टी की याद है।

 जब भी आप इसे बनाएं, एक बार माँ की उस थाली को ज़रूर याद करें जिसमें उन्होंने हमें ये पहली बार परोसी थी। उस समय का स्वाद शायद अब किसी 5-star होटल में भी नहीं मिलेगा।

भाई लोग, अगली बार व्रत आए तो ये  व्रत वाली खिचड़ी ज़रूर बनाना – और अगर मिट्टी का चूल्हा हो, तो बात ही कुछ और होगी।

FAQ अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

Q1. क्या सफेद नमक से व्रत टूट जाता है?
👉 हाँ, व्रत में सिर्फ सेंधा नमक ही मान्य होता है। सफेद नमक व्रत में नहीं खाया जाता।
👉 ज़्यादा देर भीगने या ज़्यादा पानी डालने से साबूदाना चिपकने लगता है। 10–15 मिनट काफी है
👉 हाँ, बिलकुल। टमाटर ऑप्शनल है।

व्रत वाली खिचड़ी बनाते समय

सामग्री और सब जुटाने का समय : 20
व्रत खिचड़ी बनाने के समय : 7
पूरा समय : 27
कितने व्रत लोगो के लिए : 3 व्रत लोगो के लिए

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